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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

today's horoscope

आपका आज (29/02/2020)का राशिफल  :

1. मेष : आज घर परिवार का , प्यारो का दिन है  नज़रअंदाज न करें ,विद्यार्थी थोड़ी कोशिश ज्यादा करें , मेहनत  सफल होगी। 

2. वृषभ : मन रोमांटिक रहेगा मगर आलस नहीं करना, काम पर ध्यान दें ,कमीशन मिल सकता है , पेट का ख्याल रखे। 

3. मिथुन : आज लाभ तो होगा बस आलस नहीं करना, पार्टनर से बिगड़ सकती है ध्यान देना , एग्रीमेंट ध्यान से पढ़ना , यात्रा की योजना बनेगी। 

4. कर्क : कार्यालय में दिन अच्छा रहेगा , चोट से बचें , दोस्त फायदा उठा सकते हैं , अधीनस्त लोगों को सुने। 

5. सिंह : विवाह की बातचीत शुरू होने वाली है , साझेदारी में फायदा हो रहा है , विधार्थी दिमाग और आंखे खोल कर रहें , जेब संभल कर। 

6. कन्या : घर पे परेशानी है आज , काम में  देरी , विदेश से संपर्क होगा, पालतू जानवर आज परेशां रहेगा। 

7. तुला : आज कोई अचानक  मदद करेगा ,भागदौड़ होगी, मगर दिन अच्छा है,प्रेमी से मुलकात होगी , बेसन खाओगे आज। 

8. वृश्चिक : सर दर्द , नया काम, खर्चा होगा, घर पे भी ध्यान देना होगा , अन्यथा सम्बन्ध परेशानी देगा।

9. धनु  : सोच समझ कर बोले आज , ऑफिस में भी ध्यान देना , दांत और पेट परेशां कर सकते है , कुत्ते का ध्यान रखना। 

10. मकर : नई योजना होगी, घर का सुख , माता-पिता का ध्यान रखें , जुबान का सही इस्तेमाल करें। 

11. कुंभ : आप्रकृतिक कुछ न करे , खुशनुमा सम्बन्ध बनेगे , पढ़ाई पर  ध्यान दे, काम में लाभ ,छोटी यात्रा होगी। 
12. मीन : अपना काम करने की सोच रहे ही तो शुरू करे , गीत गुनगुनाओगे , बिना वजह का खर्चा होगा ,अच्छा  भोजन  मिलेगा आज , फालतू प्रेम का प्रदर्शन न करे। 

बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

today's horoscope

Today's  (26/02/2020) horoscope .

1. Aries: Today your are doing good job,keep fit,avoid unnecessary expense. 
2. Taurus: Good performance,  good mood, day with friends and fun,

3. Gemini: check your pocket before anything,  keep tight yourself, take care of health, property issue.
4. Cancer: wait for profit, good health, money is little late, parents  health issue.
5. Leo: teamwork, so so for money, feeling romantic,  keep pocket tight otherwise...
6. Virgo: invest wisely, job satisfaction,  avoid bad people. 
7. Libra: money going,  family support,  can try for foreign 
8. Worrying for expenses,  take care of health,avoid travel 
9. Sagittarius: wait for good, paying debt, deal tactfully,  negotiate 
10. Good return,  taking break, need time in family 
11. Aquarius: increment,  good time for new, keep clam in family 
12. Pisces: smart work, earning possible,  need medical help in family. 

Om Bhagwate Vasudevay namah:

मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

सम्बन्धो के तार

किसी महिला के जोर जोर से चिल्लाने की आवाज़ सुनी तो बाहर  निकल के देखा की एक महिला दरबान से भीतर आने के लिए उलझ रही थी।  दरबान उस महिला को भीतर आने से रोक रहा था। तभी बॉस का इशारा देख कर उसने उन्हें भीतर आने दिया।
शायद उग्रता का प्रभाव इतना ज्यादा था की उस महिला ने भीतर आने का इंतज़ार नहीं रखा और वही से  पर बरस पड़ी - "क्या चलरहा है तुम्हारे ऑफिस में "

" काम करते हो या रंगरलियां मानते हो "
"अय्याशी का अड्डा बना रखा है , काम बस अय्याशी करना ही है "
"मर्द साले कुत्ते होते है "

बॉस की शक्ल देखने वाली थी , हम भी हैरान -परेशान  थे की हो क्या रहा है। और ये महिला कोन है।  हड़बड़ाते हुए बॉस ने उनको शांत रहने को कहा और भीतर चल कर शांति से बात करने की प्रार्थना की ,मगर भाई साहब सब बेकार , उल्टा आवाज़ और भी जानदार और शब्द और भी धारदार हो चले थे , फिर अचानक से उसने रोने शुरू कर दिया।  अजीब हालत थी , क्रोध और बेबसी दोनों ही अपनी चरम अवस्था पर पहुंच चुकी थी और उससे ऊपर सिर्फ दुःख की ही सीढ़िया बाकि थीं , अब शायद भावनाय चरम पर थी इसलिए आंसू बन के बह रही
रोते-रोते ही उसने बताया की वो रमापति की धर्मपत्नी है।  अब तो हैरानी की बात थी , रमापति हमारी कंपनी में मुख्य सलाहकार है , बेहद जहीन , पाबंद , और समझदार व्यक्ति हैं।  किसी भी विषय पर आप उनसे सलाह ले सकते है।  अब उन साहेब की बीबी ! इस क्रोधित और बेचैन अवस्था में , समझ नहीं आ रहा था कुछ भी की आखिरकार हुआ क्या , जो उनकी पत्नी ने ऐसा कदम उठाया।

"मुझे वंचिता से मिलना है "- रमापति की पत्नी ने  चिल्ला के बोला।

वंचिता हमारे ही ऑफिस में सहकर्मी है , वंचिता खुद ही उठ के आ गई , वंचिता को देखते ही रमापति की पत्नी  एकदम रौद्र और भयंकर रूप में प्रवेश कर गई , क्या -क्या उसको सम्बोधन दिए , विभिन्न प्रकार की
 गालियों से पूरा माहौल असहनीय हो गया,  और वंचिता अवाक् रह गई की ऐसा उसके साथ क्यों हो रहा है , उसका कसूर क्या है? रोते -रोते ही रमापति की पत्नी ने बताया की रमापति वंचिता से रोज़ देर फ़ोन पे बातें करते रहते है , जो शायद उनके परिवार को अखर रहा होगा , एक दो बार कहा भी होगा मगर रमापति माने  नहीं, नतीजा आज की घटना थी।

अब वंचिता की समझ में आया की मामला क्या है।  उसने हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगी , हम सबने भी समझाया और किसी तरह मामला टाला , रमापति की पत्नी घर चली गई।

और अब बारी थी चटकारो की और ठहाको की , सब अपनी अपनी राय दे के मुस्कुराते और हँसते रहे। बस तीन लोगो को छोड़ कर , रोती हुई वंचिता , बालकॉनी में छुपे हुए रमापति और मैं।

मैं भी चुपचाप उन तीनो को समझने की कोशिश कर रहा था।  रमापति की पत्नी में सहनशीलता थी नहीं या अति ही हो गई होगी।  वंचिता का भी अपना परिवार है , फिर वो क्यों रोज़ घंटो रमापति से बात करने लगी ? और अगर बात होती भी थी तो बुरा क्या  था ?! और रमापति उनकी भूमिका क्या है , संदेहास्पद तो है।  वास्तविकता उनको खूब पता थी फिर भी वो नज़रअंदाज़ करते रहे , प्रथमिकता तय करना उनकी खूबी है फिर यहाँ कैसे चूके?

अब होगा क्या , वंचिता को नौकरी से निकला जायगा या वो खुद छोड़ देगी , कुछ भी  हो रमापति सुरक्षित हैं। बस अब चर्चाओं का केंद्र उनकी पत्नी और वंचिता ही रहेंगी।

अब तक सभी सहयोगी उन दोनों महिलाओ का चरित्र प्रमाणपत्र तैयार कर चुके होंगे , क्युकी ठहाको की आवाज़े अभी भी आ रही है , बस उन दोनों महिलाओ के रोने की आवाज़ सुनाई नहीं दे रही , जबकि शायद वो अभी भी रो रही हों।  

Today's horoscope

Your today's (25/02/2020) horoscope
1. Aries: thinking change in professional front, give time for home, delay in journey,

2. Taurus: spending money for fun, problem for siblings and friends,  stomach problem, avoid procrastination,

3. Gemini: confusion, go for pray, tight financial,  happy at work at last, negotiate for property.

4. Cancer: laziness,  avoid property matter, feeling competitive at job, avoid arguments in family.

5. Leo: commanding day, meeting with friends and partners,  keep safe your saving, make diet plan.

6. Virgo: spend wisely,  your pets looking attention,  gaining money, take care your partner.

7. Libra: job is asking time and attention,  take care your parents,  night is different from day so give attention your surroundings.

8. Scorpio: avoid arguments,  good day for work and money, talk your parents. Small trip.

9. Sagittarius: commanding day, expenses are here, avoid junk and street food, travel planning.

10. Capricorn: lazy day, meet doctor,  handle the pressure,  travel will tough.

11. Aquarius: good day for work front, earning money, avoid your car, stomach and teeth will pin.

12. Pisces: thinking about career,  mind distraction,  children need attention,

Om Bhagwate Vasudevay namah:

सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

Your today's horoscope

Your today (24/02/2020) horoscope reading:

1. Aries: Don't be slow or loose, sure you will get success,  gaining money and cooperation.

2. Taurus: Boss will helpful just make more efforts.

3. Gemini: come out, go temple, spend time with parents, day is good.

4. Cancer: take care otherwise doctor will care.

5. leo: meet you partner,   just talk, will something good, keep happy your spouse.

6. Virgo: success is just around, take challenge,  just keep fit.

7. Libra : gifts and opportunities are waiting, don't forget to grab

8. Scorpio: Dont forget to give attention in family,  check twice for any proposal.

9. Sagittarius: going for outing, hardworking is waiting,  and friends also waiting

10. Capricorn:Day will clam but keep tight your pocket otherwise......, take initiative  don't wait.

11. Aquaricus: need more patience, do little extra, thought will rise and time will give happiness.

12. Pisces: may be low feelings,  more expenditure ,  keep away from bad nature people,  hope for some money.

Om Bhagwate Vasudevay namah:

रविवार, 23 फ़रवरी 2020

आस्था और ईश्वर

बेइन्ताह भीड़ थी , अगले दिन दिवाली थी हरेक आदमी घर जाना चाहता था, मगर धार्मिक और सामाजिक रीति के चलते पिता की मृत्यु के बाद  गंगा जी में  दीये  प्रवाहित करना भी जरुरी था।  दिल्ली से गढ़गंगा की ढाई घंटे के दूरी सात घंटे की जद्दोजहद के बाद पूरी हुई।  जल्दी जल्दी करते भी रात  के दस बज ही चुके थे , घर कैसे पंहुचा जाय , अपना खुद का तो कोई साधन था नहीं , भीड़ के चलते किसी बस में जगह मिलना चमत्कार ही होता और चमत्कारों पे मेरा भरोसा ही नहीं है।  अकेला होता तो फिर भी सोचता मगर माँ के साथ था तो सोचना भी बेकार था।   
क्या करूँगा और कैसे , बस दिमाग यही सोच रहा था , घर भी पहुंचना जरुरी था,  कल दिवाली है, कैसे होगा , सुबह से चले हुए , भीड़ में पीसे हुए, न खाया न पिया , बस एक चाय थी जो  शरीर में दम दिए हुए थी।  वरना तो भीड़ ने जान निकाल  ही ली थी।  देखते है क्या होगा , राम राम करते  दोनों माँ बेटे गंगा के पुल पर आ गए।  

शायद वो मारुती वैन वाला हमारे लिए ही प्रभु  ने भेजा होगा , अचानक एक वैन सामने , एकदम सामने रुकी - दिल्ली दिल्ली दिल्ली , दिमाग तुरंत हरकत में आया और चिल्ला के उसकी तरफ झपटे -हाँ हाँ , और तुरत दरवाजा खोल के बैठ भी गए , 
सौ रुपए एक सवारी के - उस गाड़ी वाले ने चेताया , मगर हम तो किसी भी कीमत पे तैयार ही थे।  तभी एक भारी भरकम युगल भी गाड़ी में सवार हो लिए , दोनों ही भारी थे , उनको भी दिल्ली पहुँचना था।  हम शायद किस्मत के और प्रभु कृपा के धनी थे की उस मेले की भीड़ में  भी हमको खाली गाड़ी मिल गई , सबसे बडी  बात की त्यौहार पर  घर पहुँच जायंगे।

ड्राइवर लखनऊ से किसी को छोड़ कर वापिस लौट रहा था कुछ अतिरिक्त कमाई के लिए उसने दिल्ली की सवारी ले ली , छोटा से कद का नेपाली युवक था , राजू नाम था उसका , करोलबाग़ में  कही नौकरी करता होगा क्युकी उसको भी करोलबाग जाना था , साथ बैठे हुए परिचय हो ही जाता है और फिर वो तो एक जरिया भी था घर पहुंचने का।  उम्मीद थी की ढ़ाई तीन घंटे मई घर पहुंच ही जायँगे, मगर उम्मीद सुबह से पूरी तो हो रही थी मगर थोड़ी या बहुत देर से पूरी हो रही थी।

सुबह से ईश्वर किसी न किसी रूप में मदद कर  ही रहा था वरना तो वक्त ने परीक्षा में कोई कमी ही नहीं की थी।
अभी कोई 15 -20 किलोमीटर ही चले होंगे की वैन झटके ले कर रुक गई , क्या हुआ -पता नहीं , ड्राइवर ने कोशिश  की मगर सफलता नहीं मिली, धक्का लगाना पड़ेगा, ड्राइवर बोला।  इतना सुनते ही इंसानियत और भय के बीच बातचीत शुरू हो गई , भरी भरकम युगल तो दिल से बड़ा ही हल्का साबित हुआ , कमबख़्तो ने डरा और दिया , धक्का मरने के लिए हम नीचे उतरे के ये भगा यहाँ से और हम सब इसके साथियो द्वारा लूट लिए जायँगे , इस रोड पे अक्सर ऐसा होता ही रहता हैं , तर्क करने की क्षमता शायद उस वक्त चिंता या डर की वजह से कुंद हो गई थी वर्ना सवाल तो बनता था की रोज़ वो इस रोड पे क्यों आते  है  और लूटने के लिए हमारे पास था ही क्या , गंगा जी का प्रसाद !!

बड़ी ही बेचारगी से ड्राइवर बोला भैय्या आप स्टेयरिंग संभाल लो में धक्का मरता हूँ , अब अफ़सोस की बरी हमारी थी की हमको गाड़ी चलाना नहीं आता था , उन भारी सज्जन को भी नहीं , और गाड़ी से उतरने को भी वो तैयार नहीं थे , और अगर आती भी होती तो भी उस हल्के फुल्के ड्राइवर से तो इतनी उम्मीद नहीं थी की वो इतने वजन को धक्का मार पाता , अब बचा कौन - मै , और कौन , माँ को चिंता में  छोड़ मैं ही निचे उतरा और ड्राइवर ने स्टेयरिंग संभाला , घर पे कभी पानी की बाल्टी भी नहीं उठाई मगर अब इतनी भारी वैन को धक्का मरना पड़ा , मारा भी , और ईश्वर ने कुछ ताकत भी अतिरिक्त दी वक्त की नाजुकता को समझते हुए , मारा जी धक्का , मगर हुआ कुछ नहीं , शायद पेट्रोल खतम हो गया होगा , मगर इस बात को ड्राइवर नहीं मानने को तैयार था , बाबू जी वैन  CNG पे चल रही थी , लखनऊ से बाहर निकलते ही मैंने पेट्रोल और CNG डलवाई थी , अब उसको कैसे समझाता की पेट्रोल पंप वाले ने गैस तो डाली होगी मगर पेट्रोल के लिए सिर्फ मीटर चला दिया होगा ,होता है यार , हिचकते हुए उसने मान ही लिया क्युकी कोई और कारन तो उसको भी समझ नहीं आ रहा था की वैन  क्यों नहीं स्टार्ट हो रही है।

आप लोग गाड़ी को अंदर से बंद करके यहीं  बैठे मै  कही से पेट्रोल लाता हूँ , उसके पास दो लीटर की बोतल ही मिली, यही सोचा गया की दो लीटर पेट्रोल में गाड़ी कुछ दूर तो चल ही लेगी आगे कोई पेट्रोल पंप मिल जायगा।

उस बंद गाड़ी में एक सवा घंटे बैठे हुए क्या बीती जी पूछो ही मत , शक , संदेह और डर के विभिन्न रूप उस वक्त सुनने को और महसूस करने को मिले, भारी युगल खुद तो डर ही रहे थे बोल बोल के मेरी माँ को भी डरा रहे थे और वो मुझे , मगर कही भीतर दिल कह रहा था कुछ नहीं होगा , कुछ हुआ भी नहीं और ड्राइवर पेट्रोल ले के वापिस आ गया , पेट्रोल डाला धक्का मारा गारी स्टार्ट हो गई और हम चल पड़े।

सकून तो मिला मगर ज्यादा देर के लिए नहीं , हापुड़ से कुछ पहले ही वैन फिर रुक गई और कोई पेट्रोल पंप भी नहीं मिला था रस्ते में , अब क्या , फिर वही धक्का परेड , फिर मैं धक्का मार रहा था ड्राइवर स्टेयरिंग संभाल रहा था , इस बार थोड़ी ज्यादा लम्बी  घिसाई हो गई , मगर ईश्वर होता है जनाब,  होता है, दिखाया उसने फिर से चमत्कार , पता नहीं कहाँ से हाईवे पेट्रोल की जीप आ गई, और वो रुके भी , पूछने पैर हमने अपना बेहाल वाला हाल बताया , हवलदार ने पूछा की रस्सी है, कमाल था  यार, की रस्सी भी अपनी गाड़ी में  नहीं थी फिर पुलिस वालो ने ही अपनी गाड़ी से रस्सी निकाल के  दी , हमने गाड़ी बांधी और वो हमको ले के चले तीन चार किलोमीटर के बाद हापुड़ फ्लाईओवर के नीचे वाले पेट्रोल पंप पे उन्होंने हमें छोड़ दिया , और हमारा वो डर भी दूर कर दिया की हर पुलिस वाला पैसो का ही मुरीद होता है , पूछने के वावजूद उन्होंने हमसे कुछ नहीं लिया।

हमने पेट्रोल भरवाया और अपनी यात्रा फिर शुरू की , मगर आज का दिन शायद अभी खतम नहीं हुआ था , थोड़ी दूर चलते ही गाड़ी फिर रुक गई , (बहुत जद्दोजेहद करनी पड़ी अपनी आस्था को बचाने को  लिए ,की आज जो हो रहा है वो ईश्वर की मर्जी नहीं है ) अब की बार भरी युगल खुल कर बोल ही पड़े शाब्दिक झगड़ा शुरू भी हो गया , जैसे तैसे शांत करवा कर फिर से धक्का देना शुरू किया।

ईश्वर से नाराजगी होने ही वाली थी की फिर चमत्कार हुआ , एक और जीप हमारे पास आ रुकी , कोई दूधिया था दूध ले के दिल्ली ही जा रहा था , उसने शयद हमारी मज़बूरी और परेशानी समझ ली थी वर्ना देखी तो बहुत लोगो ने थी , देखना और  समझना यही तो इंसान की पहचान होती है , उसने सांत्वना वाले शब्दों मे कहा चिंता न करो मैं दिल्ली ही जा रहा हु उसने अपनी रस्सी से हमारी गाड़ी को बंधा और हम चल पड़े , कुछ दूर ही चले होंगे की हमारी गाड़ी भी गर्म हो के स्टार्ट हो गई , उस भाई को हॉर्न मार के रोका और बताया की अब हमारी गाड़ी स्टार्ट हो गई है , उसने रस्सी खोलते हुए कहा चिंता न करना मैं भी साथ साथ ही चल रहा हूँ। मगर अब शायद हमारी परशानी का वक्त खतम हो चला था , उसके बाद गाड़ी नहीं रुकी और हम चलते चले।

उस भारी युगलको दिलशाद गार्डन छोर के ड्राइवर ने हम माँ बेटे को चार बजे सुबह घर उतारा , जबरदस्ती उसको पैसे दे के हमने विदा किया , और दिवाली वाले दिन हम घर लौट ही आये।

सोचता हूँ तो वो गाड़ी ड्राइवर , हाईवे पेट्रोल के सिपाही , वो दूधिया कौन थे ये लोग जो अचानक ही मेरी मदद को आते रहे और मुझे घर के तरफ लाते रहे , शायद ईश्वर ऐसे ही काम करता है और मदद देता है , वो सब ईश्वर के रूप थे जो मुझे उस रात उस बियावान में मुझे मिले , मेरा हाथ पकड़ा और मेरी आस्था को खंडित नहीं होने दिया के मेरा ईश्वर हमेशा मेरे साथ है।

ॐ भगवतेः वसुदेवाय नमः

आस्था और ईश्वर


शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

trust, faith, भरोसा, भरोसा करके गलती

इतनी जोरदार हंसी सुन कर जिज्ञासावस पूछ ही लिया की - क्या बात है भाई , क्या पढ़ लिया फ़ोन में , जवाब अप्रत्याशित था - "भाई , पुरुष  सिर्फ बदनाम हैं  जबकि औरतें भी कम नहीं होती " अलग जवाब सुन कर जिज्ञासा और बढ़ी की ऐसा क्यों कहा, मित्र ने फ़ोन बढ़ाते हुए कहा कि लो पढ़ लो - " मेरे सपनो में तुम आए------  मेरे ब्लाउज का हुक भी टूट गया"। उनकी किसी महिला मित्र की लिखी हुई अंतरंग पंक्तिया थी जिनको पढ़ कर मेरे मित्र ने  महिलाओ पर जोरदार  उपहास किया और स्त्रियों को चरित्र प्रमाणपत्र दे दिया।

मैं सिर्फ मुस्कुरा कर सोचने लगा की भरोसा भी कितना सस्ता हो गया है की रिस्तो के साथ अपनी सूरत और सीरत भी बदल लेता है।  किसी भरोसे के चलते उनकी उस महिला मित्र ने उनको इतनी उन्मुक्त पंक्तिया लिख भेजीं, मगर मेरे मित्र ने किसी भरोसे के तहत वो पंक्तिया मुझे पढ़ा दीं। उस महिला के भरोसे की तुलना में मित्र का मुझ पर भरोसा ज्यादा वजनदार निकला।  मगर मैं भी इन पंक्तियों को लिख कर भरोसे का पुनः वजन तौल रहा हूँ।  उस महिला मित्र पर और मेरे मित्र पैर उनके परिवार का भरोसा होगा , लाजिम ही है , किसी रिश्ते के प्रति उनकी जवाबदारी भी होगी।  मगर भरोसा तो अपनी सूरत और सीरत बदलता रहता है।

अब सोचना यह है की भरोसा करके गलती किसने की , उस महिला मित्र नें  या उसके परिवार वालो ने , मेरे मित्र या मित्र के परिवार वालो ने ,

या फिर मैंने ????????????

solar sclipse, ग्रहण कुंडली 21/6/2020

With the blessing of my Guru Sh. K.N.Rao Ji and Lt. Sh. Col. Ashok Gaur, I am here again with my new Write up on mundane astrology . Ec...