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मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

hora and mundane astrology

ज्योतिष की दुनिया में सही और गलत भविष्यवाणी की पक्की दोस्ती है , दोनों साथ साथ ही चलती है, और हम ज्योतिषों को इसको स्वीकार भी करना चाहिए।  मगर गणना में गलती होती ही रहती है मगर लगातार हो तो हमको अपने बेसिक सिद्धांत दुबारा पढ़ने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए।

ज्योतिष अध्ययन के दौरान एक ज्ञानी व्यक्ति की बात आज तक याद है की ज्योतिष और अहंकार साथ साथ चलता है और इसी बुराई से बचना जरुरी है क्युकी ज्योतिष एक पवित्र विद्या है इसका दुरूपयोग व्यक्ति को खत्म कर देता है।  ईश्वर की वाणी को समझना इतना भी आसान नहीं है की सब वराहमिहिर ही बन जायँ।

लकिन ये सत्य है की हम वराहमिहिर नहीं बन सकते, मगर उतना न सही मगर ज्योतिष के मूल सिद्धांतो पर अमल तो कर  ही सकते हैं।

 इंटरनेट की दुनियाँ ने दुनिया भर के ज्योतिषों और विभिन्न प्रकार की विद्याओं के ज्ञाताओं को आमने सामने ला दिया है , हो सकता है की इस लेख को लिखने के बाद मै  भी किसी के निशाने पर आ जाऊ , मगर फिर भी किसी को भी डरा कर पैसे लेना सिद्धांत नहीं है, मेरे गुरुओं ने तो मुझे ये नहीं सिखाया।  और कोरोना वायरस नामक बीमारी ने भी इसी बहस को जनम दे दिया।

इसी दौरान ऐसे बहुत से सवाल सामने आए की कोरोना महामारी किस राशि वाले लोगो को होगी या किस राशि पर ये बीमारी भारी  है, जवाब और आंकलन भी गज़ब ही थे, किसी विद्वान ज्योतिष का कहना है की जिनका लगन कमजोर है उनको होगा , कल ही खबर सुनी थी की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कोरोना की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती हैं, शायद लगन कमजोर होगा मगर  अब सोचो लगन कमजोर तो प्रधानमंत्री कैसे बने?

एक सज्जन के अनुसार जिनका राहु कमजोर होगा उनको कोरोना होगा, अब दोस्तों मान ही लो की अब तक जो 55000 लोग मरे हैं और बाकि 2 लाख लोग जो पीड़ित हैं ,उन सब का राहु कमजोर है. जनाब ने राहु के उपाय भी बताय थे बस पीड़ित लोगो ने सुने नहीं।

एक और सज्जन के अनुसार मगल और गुरु का राशि परिवर्तन कोरोना को खतम कर देगा, अब ये बड़ा  ही कूटनीतिज्ञ अध्ययन है अब गुरु एक साल तो मकर में रहेगा ही और एक साल में कोरोना वायरस का तोड़ मिल ही जायगा, और उन साहिब की भविष्यवाणी सही हो ही जायगी।

कुछ और ज्योतिषी सिर्फ भारत देश की कुंडली के आधार पर अपनी बात कह रहे है अब अगर कोरोना सिर्फ भारत में ही असर दिखाय हो तो सही है मगर करें क्या कोरोना तो वैश्विक महामारी है , उनका मानना होगा की कोरोना सिर्फ भारत में असरकारक नहीं होगा। अब सोचो अगर गुरु, शनि, मंगल अगर मकर में भारत में होंगे तो तुर्की और अमेरिका में भी होंगे। हो सकता है की हमारे और उनके ग्रह अलग अलग हों।

सवाल और विचार बहुत से होंगे ही बस बात ज्योतिष के मूल सिद्धांत की है , ज्योतिष में कई अध्ययन क्षेत्र हैं , जैसे होरा ज्योतिष , मेदिनी ज्योतिष यानि सहिंता ज्योतिष , चिकत्सा ज्योतिष आदि।

सहिंता ज्योतिष और होरा ज्योतिष बिलकुल अलग क्षेत्र हैं। जहाँ होरा में किसी मानव की कुंडली की अध्ययन किया जाता है वही मेदिनी में बाजार, सरकार , सत्ता, राजनीति , महामारी, विश्व युद्ध  या युद्ध, वर्षा, भूकंप , फसल आदि का अध्ययन किया जाता है।

सहिंता ज्योतिष के सिद्धांत होरा ज्योतिष से अलग है , जैसे किसी कुंडली में  राजयोग धन और सफलता दिखलाता है और चिकित्सा ज्योतिष में हो सकता वही राजयोग शुगर और दिल की बीमारी का कारक हो, तो अब अनपढ़ ज्योतिष बहस ही करेगा और कुछ नहीं।

महान ज्योतिषी वराहमिहिर ने भी वृहत संहिता नामक ग्रन्थ अलग ही लिखा है।  भद्रबाहु सहिंता , नरपति जयचर्या , आदि और भी बहुतेरे ग्रन्थ है जो सिर्फ सहिंता ज्योतिष के ही है।
अगर बाढ़ , भूकंप या एटम बम से लाखो लोग  मरते हैं तो उसका कारण सहिंता ज्योतिष में ढूंढा जायगा न की होरा ज्योतिष में।

इसीलिए आप सब से हाथ जोर निवेदन है सही आंकलन करें , डराय नहीं , ज्योतिष ज्ञान देता है अन्धकार नहीं।  वैसे किसी भी अति के लिए क्षमाप्रर्थी हूँ।


1 टिप्पणी:

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With the blessing of my Guru Sh. K.N.Rao Ji and Lt. Sh. Col. Ashok Gaur, I am here again with my new Write up on mundane astrology . Ec...